भारत के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान
परिचय:- भारत का प्रथम राष्ट्रीय उद्यान हेली नेशनल पार्क था, जिसकी स्थापना 1936 में की गई थी। जिसका यह उत्तराखंड राज्य में स्थित है। वर्तमान नाम जिम कार्बेट राष्ट्रीय पार्क है। देश में सर्वाधिक राष्ट्रीय उदन मध्य(11) प्रदेश में हैै। मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट भी कहा जाता हैै।
भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान लेह ( लद्दाख) में है। जिसका नाम हेमिस नेशनल पार्क है जो 3550 किलोमीटर क्षेत्र में विस्तृत है।
- भारत का सबसे बड़ा बाघ अभयारण्य नागार्जुन सागर (आंध्रप्रदेश) है, इसका क्षेत्रफल 3568 वर्ग किलोमीटर है।
- भारतीय पक्षी विज्ञानी और प्रकृति वाले सलीम अली को बर्ड ऑफ़ इंडिया कहा जाता है। सलीम अली राष्ट्रीय पक्षी उद्यान जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में है।
भारत में 103 राष्ट्रीय उद्यान है। :-
(1)काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान
काजीरंगा नेशनल पार्क भारत के असम राज्य में फैला हुआ है। यह पार्क भारत का एक बहुत ही प्रमुख नेशनल पार्क है जो दुनिया की एक सींग वाले गैंडों की आबादी का दो-तिहाई हिस्सा है। इस राष्ट्रीय उद्यान का नाम विश्व विरासत स्थल की सूचि मैं शामिल किया गया है इस राष्ट्रीय उद्यान में आप जंगली भैंस, हिरण, हाथी, चीनी पैंगोलिन, गिबन्स, पालना, सुस्त भालू, बंगाल लोमड़ियों, उड़ने वाली गिलहरीऔर तेंदुए को देख सकते हैं। यह पार्क एक बाघ अभयारण्य है और यहां भारतीय बाघ पाए जाते हैं। यह राष्ट्रीय उद्यान एक सींग वाले गैंडे के लिए प्रसिद्ध
मानस राष्ट्रीय पार्क:- मानस नेशनल पार्क असम का एक प्रसिद्ध पार्क है। इसे यूनेस्को नेचुरल वर्ल्ड हेरिटेज साइट के साथ-साथ प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व, बायोस्फियर रिजर्व और एलिफेंट रिजर्व घोषित किया गया है। यह हिमालय के फुट्हिल पर स्थित है और भूटान तक फैला हुआ है, जहां इसे रॉयल मानस नेशनल पार्क के नाम से जाना जाता है।1 अक्टूबर 1928 को 360 किमी2 क्षेत्र के साथ मानस नेशनल पार्क को अभयारण्य घोषित किया गया था। मानस बायो रिज़र्व की स्थाफ्ना 1973 में बनाया गया था। अभयारण्य की घोषणा से पहले यह एक आरक्षित वन था जिसे मानस आर.एफ. और उत्तर कामरूप आर.एफ. के नाम से जाना जाता था इसका प्रयोग कूच बिहार का शाही परिवार और गौरीपुर के राजा शिकार के लिए आरक्षित रूप में करते थे। 1951 और 1955 में क्षेत्र को बढ़ाकर 391 किमी2 कर दिया गया। यह यूनेस्को द्वारा दिसंबर 1985 में एक विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।
गिर राष्ट्रीय उद्यान
:-गिर नेशनल पार्क एशियाई शेरों का शाही साम्राज्य, और वन्यजीव जीवों में से अधिकांश के लिए एक आदर्श निवास स्थान है, इस क्षेत्र के बढ़ते खुबसूरत वातावरण और स्थलाकृति की उपस्थिति के साथ, क्षेत्र को वास्तव में इसका असली महत्व मिला है। गिर नेशनल पार्क, सासन-गिर या गिर वन के रूप में भी जाना जाता है, यह गुजरात में वन और वन्यजीव अभयारण्य है, जिसकी स्थापना 1965 में हुई थी। 1412 वर्ग किलोमीटर के कुल क्षेत्र को कवर करके (पूरी तरह से संरक्षित क्षेत्र (राष्ट्रीय उद्यान) के लिए लगभग 258 वर्ग किमी और अभयारण्य के लिए 1153 किमी²), पार्क जुनागढ़ के दक्षिण-पूर्व में 65 किमी और अमरेली के दक्षिण पश्चिम से 60 किमी की दूरी पर स्थित है।
दुधवा नेशनल पार्क
:-दुधवा राष्ट्रीय उद्यान उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जनपद में स्थित संरक्षित वन क्षेत्र है। यह भारत और नेपाल की सीमाओं से लगे विशाल वन क्षेत्र में फैला है। यह उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा एवं समृद्ध जैव विविधता वाला क्षेत्र है। यह राष्ट्रीय उद्यान बाघों और बारहसिंगा के लिए विश्व प्रसिद्ध है।
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (घना पक्षी विहार ) :-
भारत के राजस्थान में स्थित है विख्यात पक्षी अभयारण्य केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान। इसको पहले भरतपुर पक्षी विहार के नाम से जाना जाता था। इस पक्षी विहार में हजारों की संख्या में दुर्लभ और विलुप्त जाति के पक्षी पाए जाते हैं, जैसे साईबेरिया से आये सारस, जो यहाँ सर्दियों के मौसम में आते हैं। कहते हैं कि ये स्थान करीब 230 प्रजाति के पक्षियों का घर है। सालों से भारत का एक बहुत बड़ा पर्यटन स्थल और केन्द्र बन चुका है। इसको 1971 में संरक्षित पक्षी अभयारण्य घोषित किया गया था। इसके बाद साल 1985 में इसे यूनेस्को की विश्व विरासत भी घोषित कर दिया गया।
भरतपुर में स्थित विश्व विख्यात केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के लिए जूलीफ्लोरा (विलायती बबूल) खतरा बन गया हैं। इन दिनों इस उद्यान में जूलीफ्लोरा की संख्या बढ़ रही है। हाल यह है कि हर साल इस पेड़ को काटने के बाद भी केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में इसके फैलने का सिलसिला जारी हैं।
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के लिए ही नहीं बल्कि जूलीफ्लोरा से पूरे पर्यावरण को खतरा है। यह पेड़ जैव विविधिता के लिए बड़ा खतरा माना गया है। विलायती बबूल देशी पेड़-पौधों की कई प्रजातियों को खत्म कर देता है। वन विशेषज्ञों को मानना है कि अगर इसे समय रहते नहीं मिटाया गया तो उद्यान में देशी पेड़-पौधों की रही-सही प्रजातियां भी खत्म हो जाएंगी। इसे पक्षियों का स्वर्ग कहा जाता है। तथा यहां साइबेरियन सारस प्रजनन हेतु प्रवास करते हैं। यहां से 2 नदियां बाणगंगा एवं गंभीरी प्रवाहित होती है
रणथंबोर राष्ट्रीय उद्यान:-
रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान राजस्थान के सवाईमाधोपुर ज़िले में स्थित है। यह उत्तर भारत के बड़े राष्ट्रीय उद्यानों में गिना जाता है। 392 वर्ग किलोमीटर में फैले इस उद्यान में अधिक संख्या में बरगद के पेड़ दिखाई देते हैं। यह उद्यान बाघ संरक्षित क्षेत्र है। यह राष्ट्रीय अभयारण्य अपनी खूबसूरती, विशाल परिक्षेत्र और बाघों की मौजूदगी के कारण विश्व प्रसिद्ध है। अभयारण्य के साथ-साथ यहाँ का ऐतिहासिक दुर्ग भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। लंबे समय से यह राष्ट्रीय उद्यान और इसके नजदीक स्थित रणथंभौर दुर्ग पर्यटकों को विशेष रूप से प्रभावित करता है।रणथंभौर उद्यान को भारत सरकार ने 1955 में ‘सवाई माधोपुर खेल अभयारण्य’ के तौर पर स्थापित किया था। बाद में देशभर में बाघों की घटती संख्या से चिंतित होकर सरकार ने इसे 1973 में ‘प्रोजेक्ट टाइगर अभयारण्य’ घोषित किया और बाघों के संरक्षण की कवायद शुरू की। इस प्रोजेक्ट से अभयारण्य और राज्य को लाभ मिला और रणथंभौर एक सफारी पर्यटन का प्रमुख केंद्र बन गया। इसके चलते 1984 में रणथंभौर को राष्ट्रीय अभयारण्य घोषित कर दिया गया।
काबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान :-
विश्व का एकमात्र तैरता हुआ राष्ट्रीय उद्यान काबुल लामजाओ है। जो मणिपुर राज्य की लोकतक झील पर स्थित है। यहां पर पूर्वोत्तर भारत का खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है। 1977 में राष्ट्रीय पार्क घोषित किया गया था स्पार्क का प्रमुख जीव अति संकटग्रस्त शंघाई( मणिपुरी हिरण) है।
मणिपुर की राजधानी इम्फाल से 39 किमी दूर है लोकतक लेक। जो भारत की सबसे बड़ी फ्रेशवॉटर लेक है। इस लेक में गोल आकार के छोटे-छोटे तैरते हुए जमीन के टुकड़े हैं। ऐसा दुनिया में दूसरी जगहों पर भी है, लेकिन लोकतक झील के बारे में खास बात ये है कि ये नेचुरल है। यही नहीं, दुनिया का पहला तैरता नेशनल पार्क भी यही है।
सुंदरवन नेशनल पार्क :- सुंदरवन नेशनल पार्क, पश्चिम बंगाल राज्य में स्थित है। यह जीवमंडल आरक्षित और बाघ आरक्षित क्षेत्र है जिसे यूनेस्को द्वारा 1987 में विश्व धरोहर घोषित किया जा चुका है।
यह सुंदरबन संरखित वन के पास ही स्थित है एवं इसके पड़ोस में बांग्लादेश है। यह अभ्यारण्य सात नदियों ये घिरा हुआ है और यहां पर रॉय बंगाल टाइगर बड़ी संख्या में पाए जाते हैं।रॉयल बंगाल टाइगर के अलावा इस राष्ट्रीय उद्यान में आपको 58 से ज्यादा स्तनपाई जीवों की प्रजातियां और 250 से ज्यादा खूबसूरत पक्षियों की प्रजातियां और 55 से अधिक सांपों की प्रजाति पाई जाती है।
राज्यवार नेशनल पार्क :-
जम्मू कश्मीर:
दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान :- दाचीगाम नेशनल पार्क को उसका नाम उन दस गांवों से मिलकर बना है, जो कभी इस अभयारण्य की स्थापना से पहले यहां मौजूद थे। वर्तमान में 141 वर्ग किमी में फैला यह वन्य क्षेत्र जम्मू-कश्मीर की प्राकृतिक खूबसूरती का हिस्सा है, जिसे 1981 में स्थापित किया गया था।
किश्तवाड़ राष्ट्रीय उद्यान
मध्य प्रदेश:-
कान्हा राष्ट्रीय पार्क :- यह उद्यान बालाघाट में स्थित है 1955 राष्ट्रीय उद्यान बना, 1974 में प्रोजेक्ट टाइगर योजना के अंतर्गत शामिल हुआ
बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान
सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान
माधव राष्ट्रीय उद्यान
संजय राष्ट्रीय उद्यान
पेंच राष्ट्रीय उद्यान
कर्नाटक
बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान
बन्नेरघट्टा राष्ट्रीय उद्यान
नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान
तमिलनाडु
मुकुर्थी राष्ट्रीय उद्यान
मधुमलाई राष्ट्रीय उद्यान
मन्नार की खाड़ी राष्ट्रीय उद्यान
केरल :-
एरविकुलम राष्ट्रीय उद्यान
पंपादूम राष्ट्रीय उद्यान
साइलेंट वेली राष्ट्रीय उद्यान
- पश्चिम बंगाल में सुंदरवन तथा जल्दापारा 2 नेशनल पार्क है।
- अरुणाचल प्रदेश में नामदफा राष्ट्रीय उद्यान है।
- उड़ीसा में भितरकनिका और सिमलीपाल राष्ट्रीय उद्यान है।
- गुजरात में गिर और ब्लैकबक राष्ट्रीय उद्यान है।
- बिहार में बाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान है।
- उत्तराखंड में जिम कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान तथा गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान है।
- हरियाणा में सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान है।
- त्रिपुरा में राजबारी नेशनल पार्क है।
- आंध्र प्रदेश में पपीकोंडा राष्ट्रीय उद्यान तथा श्री वेंकटेश्वर राष्ट्रीय उद्यान है।
- तेलंगाना में मृगवनी राष्ट्रीय उद्यान है।
- नोकरेक राष्ट्रीय उद्यान भारत के मेघालय राज्य में पश्चिम गारो हिल्स ज़िले में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है।
- बेतला राष्ट्रीय उद्यान झारखंड राज्य में है।
- गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित है।
- गोवा में भगवान महावीर राष्ट्रीय उद्यान है।
भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान लेह ( लद्दाख) में है। जिसका नाम हेमिस नेशनल पार्क है जो 3550 किलोमीटर क्षेत्र में विस्तृत है।
- भारत का सबसे बड़ा बाघ अभयारण्य नागार्जुन सागर (आंध्रप्रदेश) है, इसका क्षेत्रफल 3568 वर्ग किलोमीटर है।
- भारतीय पक्षी विज्ञानी और प्रकृति वाले सलीम अली को बर्ड ऑफ़ इंडिया कहा जाता है। सलीम अली राष्ट्रीय पक्षी उद्यान जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में है।
भारत में 103 राष्ट्रीय उद्यान है। :-
(1)काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान
काजीरंगा नेशनल पार्क भारत के असम राज्य में फैला हुआ है। यह पार्क भारत का एक बहुत ही प्रमुख नेशनल पार्क है जो दुनिया की एक सींग वाले गैंडों की आबादी का दो-तिहाई हिस्सा है। इस राष्ट्रीय उद्यान का नाम विश्व विरासत स्थल की सूचि मैं शामिल किया गया है इस राष्ट्रीय उद्यान में आप जंगली भैंस, हिरण, हाथी, चीनी पैंगोलिन, गिबन्स, पालना, सुस्त भालू, बंगाल लोमड़ियों, उड़ने वाली गिलहरीऔर तेंदुए को देख सकते हैं। यह पार्क एक बाघ अभयारण्य है और यहां भारतीय बाघ पाए जाते हैं। यह राष्ट्रीय उद्यान एक सींग वाले गैंडे के लिए प्रसिद्ध
मानस राष्ट्रीय पार्क:- मानस नेशनल पार्क असम का एक प्रसिद्ध पार्क है। इसे यूनेस्को नेचुरल वर्ल्ड हेरिटेज साइट के साथ-साथ प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व, बायोस्फियर रिजर्व और एलिफेंट रिजर्व घोषित किया गया है। यह हिमालय के फुट्हिल पर स्थित है और भूटान तक फैला हुआ है, जहां इसे रॉयल मानस नेशनल पार्क के नाम से जाना जाता है।1 अक्टूबर 1928 को 360 किमी2 क्षेत्र के साथ मानस नेशनल पार्क को अभयारण्य घोषित किया गया था। मानस बायो रिज़र्व की स्थाफ्ना 1973 में बनाया गया था। अभयारण्य की घोषणा से पहले यह एक आरक्षित वन था जिसे मानस आर.एफ. और उत्तर कामरूप आर.एफ. के नाम से जाना जाता था इसका प्रयोग कूच बिहार का शाही परिवार और गौरीपुर के राजा शिकार के लिए आरक्षित रूप में करते थे। 1951 और 1955 में क्षेत्र को बढ़ाकर 391 किमी2 कर दिया गया। यह यूनेस्को द्वारा दिसंबर 1985 में एक विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।
गिर राष्ट्रीय उद्यान
:-गिर नेशनल पार्क एशियाई शेरों का शाही साम्राज्य, और वन्यजीव जीवों में से अधिकांश के लिए एक आदर्श निवास स्थान है, इस क्षेत्र के बढ़ते खुबसूरत वातावरण और स्थलाकृति की उपस्थिति के साथ, क्षेत्र को वास्तव में इसका असली महत्व मिला है। गिर नेशनल पार्क, सासन-गिर या गिर वन के रूप में भी जाना जाता है, यह गुजरात में वन और वन्यजीव अभयारण्य है, जिसकी स्थापना 1965 में हुई थी। 1412 वर्ग किलोमीटर के कुल क्षेत्र को कवर करके (पूरी तरह से संरक्षित क्षेत्र (राष्ट्रीय उद्यान) के लिए लगभग 258 वर्ग किमी और अभयारण्य के लिए 1153 किमी²), पार्क जुनागढ़ के दक्षिण-पूर्व में 65 किमी और अमरेली के दक्षिण पश्चिम से 60 किमी की दूरी पर स्थित है।
दुधवा नेशनल पार्क
:-दुधवा राष्ट्रीय उद्यान उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जनपद में स्थित संरक्षित वन क्षेत्र है। यह भारत और नेपाल की सीमाओं से लगे विशाल वन क्षेत्र में फैला है। यह उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा एवं समृद्ध जैव विविधता वाला क्षेत्र है। यह राष्ट्रीय उद्यान बाघों और बारहसिंगा के लिए विश्व प्रसिद्ध है।
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (घना पक्षी विहार ) :-
भारत के राजस्थान में स्थित है विख्यात पक्षी अभयारण्य केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान। इसको पहले भरतपुर पक्षी विहार के नाम से जाना जाता था। इस पक्षी विहार में हजारों की संख्या में दुर्लभ और विलुप्त जाति के पक्षी पाए जाते हैं, जैसे साईबेरिया से आये सारस, जो यहाँ सर्दियों के मौसम में आते हैं। कहते हैं कि ये स्थान करीब 230 प्रजाति के पक्षियों का घर है। सालों से भारत का एक बहुत बड़ा पर्यटन स्थल और केन्द्र बन चुका है। इसको 1971 में संरक्षित पक्षी अभयारण्य घोषित किया गया था। इसके बाद साल 1985 में इसे यूनेस्को की विश्व विरासत भी घोषित कर दिया गया।
भरतपुर में स्थित विश्व विख्यात केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के लिए जूलीफ्लोरा (विलायती बबूल) खतरा बन गया हैं। इन दिनों इस उद्यान में जूलीफ्लोरा की संख्या बढ़ रही है। हाल यह है कि हर साल इस पेड़ को काटने के बाद भी केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में इसके फैलने का सिलसिला जारी हैं।
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के लिए ही नहीं बल्कि जूलीफ्लोरा से पूरे पर्यावरण को खतरा है। यह पेड़ जैव विविधिता के लिए बड़ा खतरा माना गया है। विलायती बबूल देशी पेड़-पौधों की कई प्रजातियों को खत्म कर देता है। वन विशेषज्ञों को मानना है कि अगर इसे समय रहते नहीं मिटाया गया तो उद्यान में देशी पेड़-पौधों की रही-सही प्रजातियां भी खत्म हो जाएंगी। इसे पक्षियों का स्वर्ग कहा जाता है। तथा यहां साइबेरियन सारस प्रजनन हेतु प्रवास करते हैं। यहां से 2 नदियां बाणगंगा एवं गंभीरी प्रवाहित होती है
रणथंबोर राष्ट्रीय उद्यान:-
रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान राजस्थान के सवाईमाधोपुर ज़िले में स्थित है। यह उत्तर भारत के बड़े राष्ट्रीय उद्यानों में गिना जाता है। 392 वर्ग किलोमीटर में फैले इस उद्यान में अधिक संख्या में बरगद के पेड़ दिखाई देते हैं। यह उद्यान बाघ संरक्षित क्षेत्र है। यह राष्ट्रीय अभयारण्य अपनी खूबसूरती, विशाल परिक्षेत्र और बाघों की मौजूदगी के कारण विश्व प्रसिद्ध है। अभयारण्य के साथ-साथ यहाँ का ऐतिहासिक दुर्ग भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। लंबे समय से यह राष्ट्रीय उद्यान और इसके नजदीक स्थित रणथंभौर दुर्ग पर्यटकों को विशेष रूप से प्रभावित करता है।रणथंभौर उद्यान को भारत सरकार ने 1955 में ‘सवाई माधोपुर खेल अभयारण्य’ के तौर पर स्थापित किया था। बाद में देशभर में बाघों की घटती संख्या से चिंतित होकर सरकार ने इसे 1973 में ‘प्रोजेक्ट टाइगर अभयारण्य’ घोषित किया और बाघों के संरक्षण की कवायद शुरू की। इस प्रोजेक्ट से अभयारण्य और राज्य को लाभ मिला और रणथंभौर एक सफारी पर्यटन का प्रमुख केंद्र बन गया। इसके चलते 1984 में रणथंभौर को राष्ट्रीय अभयारण्य घोषित कर दिया गया।
काबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान :-
विश्व का एकमात्र तैरता हुआ राष्ट्रीय उद्यान काबुल लामजाओ है। जो मणिपुर राज्य की लोकतक झील पर स्थित है। यहां पर पूर्वोत्तर भारत का खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है। 1977 में राष्ट्रीय पार्क घोषित किया गया था स्पार्क का प्रमुख जीव अति संकटग्रस्त शंघाई( मणिपुरी हिरण) है।
मणिपुर की राजधानी इम्फाल से 39 किमी दूर है लोकतक लेक। जो भारत की सबसे बड़ी फ्रेशवॉटर लेक है। इस लेक में गोल आकार के छोटे-छोटे तैरते हुए जमीन के टुकड़े हैं। ऐसा दुनिया में दूसरी जगहों पर भी है, लेकिन लोकतक झील के बारे में खास बात ये है कि ये नेचुरल है। यही नहीं, दुनिया का पहला तैरता नेशनल पार्क भी यही है।
सुंदरवन नेशनल पार्क :- सुंदरवन नेशनल पार्क, पश्चिम बंगाल राज्य में स्थित है। यह जीवमंडल आरक्षित और बाघ आरक्षित क्षेत्र है जिसे यूनेस्को द्वारा 1987 में विश्व धरोहर घोषित किया जा चुका है।
यह सुंदरबन संरखित वन के पास ही स्थित है एवं इसके पड़ोस में बांग्लादेश है। यह अभ्यारण्य सात नदियों ये घिरा हुआ है और यहां पर रॉय बंगाल टाइगर बड़ी संख्या में पाए जाते हैं।रॉयल बंगाल टाइगर के अलावा इस राष्ट्रीय उद्यान में आपको 58 से ज्यादा स्तनपाई जीवों की प्रजातियां और 250 से ज्यादा खूबसूरत पक्षियों की प्रजातियां और 55 से अधिक सांपों की प्रजाति पाई जाती है।
इस अभ्यारण्य में मैकक्यूस, वाइल्ड बोअर, इंडियन ग्रे मॉनग्रूस, पैगोलिंस आदि देख सकते हैं। यह जंगली क्षेत्र बड़ी मात्रा में किंगफिशर, फीज़ेंट - टेल्ड जैकनास, पैरियाह काइट्स और व्हिमब्रेल्स जैसे कुछ पक्षियों को आकर्षित करता है।
राज्यवार नेशनल पार्क :-
जम्मू कश्मीर:
दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान :- दाचीगाम नेशनल पार्क को उसका नाम उन दस गांवों से मिलकर बना है, जो कभी इस अभयारण्य की स्थापना से पहले यहां मौजूद थे। वर्तमान में 141 वर्ग किमी में फैला यह वन्य क्षेत्र जम्मू-कश्मीर की प्राकृतिक खूबसूरती का हिस्सा है, जिसे 1981 में स्थापित किया गया था।
किश्तवाड़ राष्ट्रीय उद्यान
मध्य प्रदेश:-
कान्हा राष्ट्रीय पार्क :- यह उद्यान बालाघाट में स्थित है 1955 राष्ट्रीय उद्यान बना, 1974 में प्रोजेक्ट टाइगर योजना के अंतर्गत शामिल हुआ
बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान
सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान
माधव राष्ट्रीय उद्यान
संजय राष्ट्रीय उद्यान
पेंच राष्ट्रीय उद्यान
कर्नाटक
बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान
बन्नेरघट्टा राष्ट्रीय उद्यान
नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान
तमिलनाडु
मुकुर्थी राष्ट्रीय उद्यान
मधुमलाई राष्ट्रीय उद्यान
मन्नार की खाड़ी राष्ट्रीय उद्यान
केरल :-
एरविकुलम राष्ट्रीय उद्यान
पंपादूम राष्ट्रीय उद्यान
साइलेंट वेली राष्ट्रीय उद्यान
- पश्चिम बंगाल में सुंदरवन तथा जल्दापारा 2 नेशनल पार्क है।
- अरुणाचल प्रदेश में नामदफा राष्ट्रीय उद्यान है।
- उड़ीसा में भितरकनिका और सिमलीपाल राष्ट्रीय उद्यान है।
- गुजरात में गिर और ब्लैकबक राष्ट्रीय उद्यान है।
- बिहार में बाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान है।
- उत्तराखंड में जिम कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान तथा गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान है।
- हरियाणा में सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान है।
- त्रिपुरा में राजबारी नेशनल पार्क है।
- आंध्र प्रदेश में पपीकोंडा राष्ट्रीय उद्यान तथा श्री वेंकटेश्वर राष्ट्रीय उद्यान है।
- तेलंगाना में मृगवनी राष्ट्रीय उद्यान है।
- नोकरेक राष्ट्रीय उद्यान भारत के मेघालय राज्य में पश्चिम गारो हिल्स ज़िले में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है।
- बेतला राष्ट्रीय उद्यान झारखंड राज्य में है।
- गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित है।
- गोवा में भगवान महावीर राष्ट्रीय उद्यान है।
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